Monkeypox Virus Entered In India first kerla after delhi
Monkeypox Virus की भारत में एंट्री: केरल और दिल्ली में मिले मंकी पॉक्स वायरस के मरीज की खबरों के अनुसार भारत में मंकीपॉक्स वायरस की शुरुआत हो चुकी है , दुनिया भर में अब तक इस वायरस के १६००० केस दर्ज हो चुके है ,
एक्सपर्ट्स बता रहे है की मंकीपॉक्स हवा में नहीं फेलता है , मंकीपॉक्स यह एक रेयर जूनोटिक बीमारी है, जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। यह पॉक्सिविरेडे परिवार से संबंध रखता है, इसमें चेचक की बीमारी पैदा करने वाले वायरस भी होते हैं।
वायरस का एक परिवार होता है, उसमें अलग–अलग वायरस और उसके स्ट्रेन होते हैं, जैसे कोरोना वायरस एक परिवार है, इसमें कोरोना के अलग–अलग वायरस यानी स्ट्रेन अल्फा, बीटा, गामा, डेल्टा, ओमिक्रॉन थे।
एलएनजेपी के मेडिकल डायरेक्टर डॉ. सुरेश कुमार का कहना है कि कोरोना आरएनए वायरस है तो यह डीएनए वायरस है। यह वायरस हवा में नहीं फैलता है, लेकिन मरीज के संपर्क में आने से, उसके ड्रॉपलेट्स से और शारीरिक संबंध की वजह से एक से दूसरे में जा सकता है।
इस वजह से यह 98 परसेंट समलैंगिक में पाया जा रहा है। इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी है कि जो संक्रमित हैं उन्हें आइसोलेट कर दिया जाए और बाकी लोगों को उससे दूर रखा जाए। भारत सहित अब तक 75 देशों में वायरस की पुष्टि हो चुकी है।
16 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं और 5 लोगों की जान जा चुकी है। अकेले भारत में 4 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें 3 केरल में और एक मरीज दिल्ली में है। WHO ने मौजूदा हालात को देखते हुए ग्लोबल इमरजेंसी घोषित कर दी है।
ऐसे में मंकीपॉक्स क्या है और यह कितना खतरनाक है, आने वाले समय में स्वास्थ्य पर इसका कितना असर पड़ने की आशंका है, इसे इस प्रकार समझा जा सकता है।